Through my windows...
Its my perception of the world in and around me.
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Best of today!
Sunday, July 31, 2011
अब के बारिश की बूंदों में नमी ज्यादा है,
या की धरती की प्यास में कोई कमी सी है?
कितने बेबस से बह रहे हैं बेकैफ़ दरिया,
बिना धड़कन रगों में ज़िन्दगी ज्यों बही सी है..
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