Monday, March 12, 2012

होली !



सफलता की छाँव हो या कठिनाइयों की धुप..
लगे ऐसा रंग सब पे एक हों रंग रूप!

होली की आग में भस्म हो सब के द्वेश और बैर..
मिलाओ हाथ से हाथ बढ़ाओ प्रगत दिशा में  पैर!

मदमस्त  झूम  के  नाचे सभी, ऐसी हो भंग की गोली..
रंगों से भर दें चारो दिशाएं, आओ मनाएं होली !

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